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चाहत

11:26 pm, Posted by दास्तानें, No Comment

एक धनी बूढ़ा था. उसने शादी नहीं की थी. लोग उससे कहते – “अब तो बुढ़ापे में सहारे के लिए शादी कर लो मियाँ”
“किसी बुढ़िया से शादी करने को जी नहीं करता” बूढ़ा कहा करता.

“तो फिर किसी जवान से ही कर लो” लोग कहते - “औरतों की कोई कमी है क्या?”

बूढ़े का उत्तर होता - “जब मैं बूढ़ा किसी बुढ़िया से शादी करने की नहीं सोच सकता तो मैं कैसे सोच सकता हूँ कि कोई जवान मुझ बूढ़े से राज़ी खुशी, बिना लालच शादी करेगी” शेख सादी

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